एक महिला जिसको 11 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद मां बनने का सुख प्राप्त हुआ।
लेकिन उसे गंभीर बीमारी थी।
बच्चे के जन्म के समय उसको बचाना बहुत ही मुश्किल हो गया था। डॉक्टरों के सतत प्रयास के बाद ऑपरेशन सक्सेस हुआ। वह ऑपरेशन सात घंटे चला ।
ऑपरेशन के समय एक पल ऐसा था कि जिस में या तो मां को बचाया जा सकता था या फिर बच्चे को
तब डॉक्टर ने मां पर यह फैसला छोड़ दिया कि किस को बचाना हैं????
मां ने खुद के जीवन का त्याग करते हुए कहा मुझे कुछ भी हो जाए चलेगा लेकिन मेरे बच्चे को कुछ भी नहीं होना चाहिए।
बच्चे के जन्म के पश्चात मां उसको आखरी बार गले से लगाती है और चूमती है और हमेशा के लिए अपनी आंखें बंद कर लेती है।
बच्चा रो रहा है।
यह देखकर डॉक्टर की आंखों में भी आंसू आ जाते हैं।
एक मां ने अपने बच्चे को बचाने के लिए खुद के प्राण त्याग दिए।
मां का प्यार और त्याग अनोखा एवं अटूट होता है।